फरीदाबाद. जहां हर मां बाप का अब के समय में सपना है कि उनका बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले वहीं कोट गांव में आज भी शिक्षा की गंभीर समस्या है. यहां केवल प्राथमिक स्कूल है जिससे बच्चों को छठी कक्षा के बाद पढ़ाई के लिए दूर-दराज के दूसरे गांवों में जाना पड़ता है. यह दूरी और संसाधनों की कमी खासकर लड़कियों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है. ऐसे में हर पढ़ने वाली बच्चियोंं के लिए आगे बढ़ने की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी.
दरअसल, छठी कक्षा के बाद बच्चों को 5 किलोमीटर दूर धौज जाना पड़ता है. कम उम्र के बच्चों के लिए यह मुश्किल है और विशेष रूप से लड़कियों के लिए यह सुरक्षित नहीं है. कई परिवारों के पास निजी साधन नहीं हैं जिससे बच्चे या तो पढ़ाई छोड़ देते हैं या उन्हें मजबूरी में निजी स्कूलों में भेजा जाता है.
सरकारी स्कूलों की कमी
सरपंच केसर सिंह ने local18 को बताया कि पिछले आठ वर्षों से वह इस मुद्दे को सरकार के सामने उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार डेढ़ सौ बच्चों की संख्या की मांग करती है जबकि गांव छोटा होने के कारण यह संख्या पूरी नहीं हो पाती.
नेटवर्क और डिजिटल शिक्षा की समस्या
गांव में नेटवर्क की भी भारी समस्या है. ऑनलाइन शिक्षा के लिए बीएसएनएल से कनेक्शन मांगे गए लेकिन यह भी सीमित संख्या में दिए गए हैं. गांव के लोग एनसीआर में रहते हुए भी डिजिटल सुविधाओं से वंचित हैं.
लड़कियों की शिक्षा पर असर
लड़कियों को लंबे रास्ते और सुरक्षा की चिंता के कारण स्कूल जाने से रोक दिया जाता है. यह बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान की भावना के विपरीत है. सरपंच का कहना है कि जब तक गांव में दसवीं तक का स्कूल नहीं होगा लड़कियों की पढ़ाई बाधित रहेगी.
सरकार से अपील
सरपंच और गांववासी मांग करते हैं कि कोट गांव में कम से कम दसवीं तक का स्कूल बनाया जाए. इससे बच्चों की शिक्षा जारी रह सकेगी और 15-16 साल के बाद वे सुरक्षित दूरी तय कर सकेंगे. गांव के बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए ताकि वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें.
Tags: Education Department, Faridabad News, Haryana news, Haryana School, Local18
FIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 16:38 IST