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समंदर में नहीं चलेगी चीन-पाकिस्तान की दादागिरी, सूरत बदलने को तैयार नौसेना का ‘सूरत’

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INDIAN NAVY: समंदर में चीन की दादागिरी और पाकिस्तान की नापाक साजिशों पर अब ब्रेक लगने जा रहा है. गहरे समंदर में दुश्मन देश के मनसूबों को दफ्न करने के लिए नौसेना के बेड़े में एक और स्वदेसी डिस्ट्रॉयर INS सूरत शामिल हो रही है. यह दुनिया का सबसे खतरनाक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है. विशाखपत्तनम क्लास स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर का चौथा जंगी जहाज़ ‘सूरत’ नौसेना में जनवरी में शामिल हो जाएगा. 20 दिसंबर को यार्ड 12707 ( सूरत ) नौसेना को सुपुर्द कर दिया गया. खास बात तो यह है कि देश में यह अब तक के बने वॉरशिप में ये सबसे कम समय में बनकर तैयार हुआ. आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल होने के बाद यार्ड 12707 (सूरत) INS सूरत बन जाएगा. इसका डिजाइन नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. यह स्वदेशी स्टील से तैयार किया गया. मजगांव डॉक लिमिटेड (MDL) में इसे बनाया गया है.

Y 12706 ‘सूरत’ स्वदेशी जंगी जहाजों की ताकत
स्वदेशी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर की सबसे बड़ी खूबी है कि यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आने वाला. दुशमन की नजर से बचकर ये किसी भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. यह सतह से सतह में मार करने वाली मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है. सतह से हवा में मार करने वाले दो वर्टिकल लॉन्चर लगे हैं. हर लॉन्चर से 16-16 मिसाइलें यानी कुल मिलाकर 32 मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल दागी जा सकती है.  INS सूरत एंटी सर्फेस वॉरफेयर के लिये ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल सिस्टम से लैस है. इस सिस्टम से 16 ब्रह्मोस मिसाइलें फायर की जा सकती हैं. इसमें आधुनिक सर्विलांस रडार लगा हुआ है. इसमें दुश्मन की सबमरीन को नष्ट करने के लिए रॉकेट लॉन्चर और टॉरपिडो लॉन्चर भी मौजूद है. इस डिस्ट्रायर की लंबाई 163 मीटर है. 7400 टन वजनी यह डिस्ट्रायर चार पावरफुल गैस टर्बाइन की मदद से 30 नॉटिकल मील की अधिकतम रफ़्तार से चल सकता है.

क्या है नौसेना का प्रोजेक्ट 15-B
भारतीय नौसेना की ताक़त में इज़ाफ़ा करने के मकसद से साल 2013 में प्रोजेक्ट 15B ( P15-B ) की शुरुआत की गई थी. इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 4 डिस्ट्रॉयर जंगी जहाज तैयार किए जाने थे. पहला डिस्ट्रॉयर INS विशाखपत्तनम साल 2021 में ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है. INS मोरमुगाओ इस प्रोजेक्ट का दूसरा शिप है जिसे साल 2022 में नौसेना में शामिल किया गया. साल 2023 में डिस्ट्रॉयर INS इंफाल शामिल कर लिया गया. ‘सूरत’ नौसेना में शामिल किया जाएगा. P-15B का चौथा जहाज़ ‘सूरत’ समुद्र में लॉन्च रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. आत्मनिर्भर भारत में इस तरह के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर किसी मील के पत्थर से कम नहीं हैं.

FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 14:31 IST



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